आईएनओ का लक्ष्य क्या है?

भारत में स्थित न्यूट्रिनो वेधशाला (आईएनओ) एक बड़ी विज्ञान परियोजना है। इसका उद्देश्य न्यूट्रिनो नामक कणों का अध्ययन करना है। न्यूट्रिनो मूल कण होते हैं जिनका सूर्य, तारों एवं वायुमंडल में प्राकृतिक रुप से निर्माण होता है। न्यूट्रिनो के बारे में पहले माना गया कि ये द्रव्यमान रहित कण हैं किंतु हाल ही में न्यूट्रिनो दोलन परिघटना के निरीक्षण द्वारा किए गए प्रयोगों से यह सिद्ध नहीं होता है।

अशून्य न्यूट्रिनो द्रव्यमानों के अस्तित्व के विभिन्न क्षेत्रों में गहन अर्थ हैं जो कि कण भौतिकी के प्रति मूलभूत रुचि होने के अतिरिक्त नाभिकीय भौतिकी, भूभौतिकी, खगोलभौतिकी व कॉस्मोलॉजी की तरह अलग-अलग हैं। न्यूट्रिनो द्रव्यमान एवं दोलन की खोज प्रारंभिक सफलता है एवं ऐसे अनेक प्रश्न अनुत्तरित हैं जिनके हल प्राप्त करने में विभिन्न प्रयोगों की आवश्यकता है व इनमें कई दशक लगेंगे। हमें अभी भी न्यूट्रिनो के पैमाने के विषय में कुछ ज्ञात नहीं है और न ही हमें विश्वास है कि क्या न्यूट्रिनो स्वयं में प्रतिकण है अथवा नहीं। न्यूट्रिनो भौतिकी का प्रयोगात्मक क्षेत्र अब ऐसी अवस्था में जा रहा है जहां निर्णयात्मक एवं उच्च सूक्ष्मता वाले प्रयोगों की आवश्यकता है। इस संदर्भ में कुछ वर्ष पहले एक प्रयास प्रारंभ किया गया जिससे भारत में स्थित न्यूट्रिनो वेधशाला (आईएननओ) का अस्तित्व सामने आया।

आईएनओ की योजना न्यूट्रिनो भौतिकी के क्षेत्र में प्रयोगों के लिए छात्रों को विश्व स्तरीय अनुसंधान सुविधा के निर्माण की है। न्यूट्रिनो का संसूचन कर पाना बहुत कठिन है इसलिए न्यूट्रिनो संसूचकों को अन्य कणों से सुरक्षित रखना आवश्यक है जिनका वायुमंडल में प्राकृतिक रुप से निर्माण होता है। प्रयोगात्मक सुविधा केंद्र की स्थापना दक्षिण भारत में मदुरई के निकट थेनी में एक पहाड़ के अंदर होगी। सभी दिशाओं से 1 किमी से अधिक के चट्टान के भार से संसूचक को अन्य कास्मिक किरणों से सुरक्षित किया जाएगा। दो केवर्न्स का पहाड़ के अंदर निर्माण किया जाएगा। इनमें से एक के अंदर संसूचक रहेगा व अन्य में नियंत्रण प्रणाली की स्थापना की जाएगी। 2 किमी की लंबी सुरंग इन केवर्न्स को पहाड़ के बाहर के पोर्टल से जोड़ेगी।

आईएनओ परियोजना में अन्य न्यूट्रिनो प्रयोग जैसे न्यूट्रिनो-हीन दोहरे बीटा क्षय (एनडीबीडी) भी शामिल होंगे। एनडीबीडी प्रयोगों से न्यूट्रिनो की प्रकृति (मैजारोना या डिरैक) का पता चलेगा। इस प्रयोग को नियंत्रण कक्ष केवर्न में स्थापित किया जाएगा।

पहुंच एवं जागरुकता

समाज के प्रति अपने उत्तरदायित्व के भाग के रुप में आईएनओ टीम नियमित रुप से जागरुकता बैठकें एवं पहुंच कार्यक्रमों का आयोजन करती है। स्कूलों एवं कॉलेजों के छात्रों को टीआईएफआर की प्रयोगशालाओं में आमंत्रित किया जाता है व उन्हें उच्च ऊर्जा कणों के संसूचन में संकल्पनाओं से परिचित कराया जाता है। आईएन स्थान के निकट निवास करने वाले व्यक्तियों के लिए पहुंच कार्यक्रमों को चलाया जाता है जिसमें जिला एवं गांव के प्रशासनिक निकायों की सहायता ली जाती है।